वैयक्तिक विभिन्नता :अर्थ एवं स्वरूप - वैयक्तिक
विभिन्नता का अर्थ है कि कोई भी दो व्यक्ति पूर्णरूपेण एक जैसे नहीं हो सकते हैं
यह प्रकृति प्रदत नियम है ।
स्किनर के अनुसार - वैयक्तिक विभिन्नता से
हमारा अर्थ व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से है जिनका मापन एवं मूल्यांकन किया जा
सके।
व्यक्तिगत भिन्नताओं के प्रकार -
भाषा के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता
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भाषा विकास एक प्रकार का कौशल है जो बालक
में जन्म के बाद ही प्रारंभ हो जाता है ।
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कुछ बालक भाषा के द्वारा अपने विचारों को
अभिव्यक्त करने में अधिक सक्षम होते हैं , जबकि कुछ बालक इस मामले को उतने सक्षम
नहीं होते हैं ।
लिंग के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता
-
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शारीरिक गठन में पुरुष स्त्रियों से
लम्बे होते हैं ।
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बालक एवं बालिकाओं में अधिगम के क्षेत्र
में भिन्नता नहीं होती ।
बुद्धि के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता
-
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दो व्यक्ति पूर्णतया एक जैसे नहीं होते उनमें
बुद्धि के आधार पर भी वैयक्तिक विभिन्नता पाई जाती है ।
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आयु के अनुसार बालकों में बुद्धि का
विकास होता है
, परंतु कुछ बालकों में अपनी आयु के सापेक्ष अधिक बुद्धि होती है
और कुछ बालकों में सामान्य बुद्धि पाई जाती है बुद्धि परीक्षण द्वारा बुद्धि लब्धि
साथ करके यह सरलता से ज्ञात किया जा सकता है कि कौन सा बालक कितना बुद्धिमान है ।
परिवार एवं समुदाय के आधार पर
वैयक्तिक भिन्नता-
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समाज, परिवार तथा समुदाय का
मानव के व्यक्तित्व के विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है ।
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अच्छे परिवार के बच्चे का व्यवहार अच्छा
तथा अपराधिक प्रवृत्ति के परिवार के बच्चों का व्यवहार भी कुप्रभावित रहता है।
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परिवार व समुदाय के आर्थिक स्तर का
प्रभाव भी वैयक्तिक विभिन्नता पर पड़ता है ।
संवेग के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता
-
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भिन्न-भिन्न प्रकार के बालकों
में संवेगात्मक विकास भी भिन्न-भिन्न
होते हैं । जैसे-
कुछ बालक शांत स्वभाव के होते हैं तो कुछ चिड़चिड़े स्वभाव के, कुछ प्रसन्न रहते हैं
तो कुछ उदास प्रवति के होते हैं ।
शारीरिक विकास के आधार पर वैयक्तिक
भिन्नता-
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शारीरिक विभिन्नता जैसे - रंग, रूप, आकार, कद ,भार ,शारीरिक गठन, शारीरिक परिपक्वता आदि
के कारण भी वैयक्तिक भिन्नता पाई जाती है ।
अभिवृत्ति के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता -
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प्रत्येक बालक की अभिवृत्तियों में भी
असमानता पाई जाती हैं
,कुछ विशेष प्रकार के कार्य जैसे- पढ़ने, लिखने में रुचि ले लेते
हैं तो कुछ अन्य कार्य जैसे-
खेलने
,ड्राइंग करने इत्यादि में रुचि लेते हैं ।
व्यक्तित्व के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता
-
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कुछ बालक बहिर्मुखी होते हैं तो कुछ
अंतर्मुखी होते हैं प्रत्येक बालक किसी दूसरे बालक की योग्यता से प्रभावित हो या न
हो परंतु उसके व्यक्तित्व से प्रभावित अवश्य होता है ।
गत्यात्मक कौशलों के आधार पर वैयक्तिक भिन्नता -
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शारीरिक क्रियाओं में सफल होने की
योग्यता में एक समूह के व्यक्तियों में भी अधिक भिन्नताएं पाई जाती हैं कोई
व्यक्ति किसी कार्य को अधिक अच्छे ढंग से करता है तो कोई व्यक्ति इस कार्य में
रुचि ही नहीं लेता है ।
शिक्षा के क्षेत्र में वैयक्तिक
विभिन्नता का महत्व
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पिछड़े एवं मंदबुद्धि बालकों की शिक्षा
के लिए वैयक्तिक भिन्नता को ध्यान में रखते हैं ,उनके अनुसार शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था
की जाती है ।
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शिक्षक व विद्यालय प्रबंधक कक्षा शिक्षण
में व्यक्तित्व भिन्नता से ही सहायता प्राप्त करते है ।
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व्यक्तिगत शिक्षण वैयक्तिक भिन्नता का ही
परिणाम है । जिसमें बालकों की आवश्यकतानुसार उन्हें शिक्षा प्रदान की जाती है वह
उनका सर्वांगीण विकास करने पर बल दिया जाता है ।
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वैयक्तिक भिन्नता को ध्यान में रखते हुए
बालकों को गृहकार्य देना चाहिए ।
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बालकों के शारीरिक दोषों का ज्ञान
वैयक्तिक भिन्नता के आधार पर ही शिक्षक को हो पाता है । इन दोषों को ध्यान में
रखते हुए ही वह शिक्षण कार्य प्रारंभ करता है ।
CTET Class 10 - शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद
Reviewed by BasicKaMaster
on
20:05:00
Rating:
https://unacademy.com/lesson/motivation-in-hindi/IS9Z829A
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