साथियों! आप सभी को ज्ञात हो गया होगा, की शासन द्वारा दिनाँक:-02/02/2018 के ऑर्डर को जिसमे हम सभी साथियों को रिलीफ मिली थी, उस ऑर्डर को चैलेंज कर दिया गया है, जो शासन की कुंठित मानसिकता, तानाशाही, डिक्टेटरशिप, तथा रोजगार विरोधी होने का परिचायक है, साथियों यह सरकार नही चाहती है, की 68500 अपने समय पर पूरी हो। जब आपके 16 प्रश्न स्वयं माय लार्ड ने समान अंक हेतु मान लिए हैं, तब आप अपनी गलती न मानते हुए सिर्फ कोर्ट कोर्ट खेलना चाहते हो, तो आज मैं अपनी टीम के साथ शपथ लेता हूँ, जब तक टेट 2017 का हमारा संकल्प पूरा नही हो जाएगा, तब तक तुम्हे सुप्रीम कोर्ट तक भगाने की हिम्मत हम रखते हैं। क्या उत्तर प्रदेश सरकार इतनी निकम्मी हो गई है? कि बेरोजगार युवाओं के लिए एक बार फिर से उचित प्रक्रिया पूरी करके अपनी गलती मान कर तुरंत रिजल्ट संशोधित कर दे और भर्ती अपने समय पर पूरी हो जाये, लेकिन अगर इन्होंने ऐसा किया तो राजस्व घाटे में आ जायेगा, चुनाव की फंडिंग प्रभावित हो जाएगी, सरकार बनानी है लोकसभा में, इसलिए नही दे रहे नौकरी। इनकी औकात पकौड़े वाली ही है नौकरी इनके बस की नही?
अब आते हैं मुद्दे पर, हुआ ये है कि लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश जिसमे आवेदन की तिथि को 5 फरवरी से बढ़ा कर 12 फरवरी कर दिया गया था उसे सरकार ने रदद् कराने हेतु डबल बेंच में अपील की है, लेकिन आप सभी को घबराने की कोई जरूरत नही है, जिस तरह शासन को सिंगल बेंच से शिकस्त मिली है, ठीक उसी तरह डबल बेंच से करारी शिकस्त खा कर बेशर्मो की तरह लौट कर आएंगे, फिर हमें डबल रिलीफ मिलेगी जिसकी चर्चा बाद में होगी?
आप को बताते चलें कि अब दांव उल्टा हो गया है, हमे अब सरकार पीछे नही खींच सकती, क्योंकि याची लाभ जैसी बात हमारी शक्ति को कांक्रीट कर देगी। हम तुम्हारी हर एक चाल को नाकामयाब करेंगे।
इन सभी उपरोक्त कार्यवाही के बीच हमारी सुनवाई जो लखनऊ उच्च न्यायालय में होनी है, उस पर कोई असर नही पड़ेगा। वो अपने तय समय पर ही होगी और हम बहुत जल्द जीत का जश्न मनाएंगे। क्योंकि शासन द्वारा दायर की गई अपील खारिज होना तय है।
*जय महाकाल*
✍️*आकाश पटेल-उन्नाव*
*9451683646 (टीम मेम्बर टेट याचिका लखनऊ उच्च न्यायालय/प्रदेश विधि, सलाहकार ट्रेनी टीचर्स परिवार वेलफेयर एसोसिएशन)*
*अरुण यादव-7388999000*
*कुलदीप वर्मा-9451314507*
टेट याचिका लखनऊ विशेष:-
Reviewed by Ravi kumaR
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00:22:00
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