D.El.Ed Syllabus 4th semester - शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन

शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन

कक्षा शिक्षणः विषयवस्तु
(अ) शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन
 संस्थागत नियोजन एवं प्रबन्धन का अर्थ, आवष्यकता एवं महत्व।
 विद्यालय प्रबन्धन का अर्थ, आवष्यकता एवं महत्व।
 विद्यालय प्रबन्धन के क्षेत्र-
 भौतिक संसाधनों का प्रबन्धन (विद्यालय भवन, फर्नीचर, शैक्षिक उपकरण, साज-सज्जा, पेयजल, शौचालय)।
 मानवीय संसाधनों का प्रबंधन
 शिक्षक

 बच्चे
 समुदाय (ग्राम शिक्षा समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति, शिक्षक अभिभावक संघ, मातृशिक्षक संघ, महिला प्रेरक दल)
 वित्तीय प्रबन्धन (विद्यालय अनुदान, टी0एल0एम0 ग्रान्ट, विद्यालय को समुदाय से प्राप्त धन, विद्यालय की सम्पत्ति से अर्जित धन, ग्राम पंचायत निधि से/जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुदान)।
 शैक्षिक प्रबन्धन (कक्षा-कक्ष प्रबन्धन, षिक्षण अधिगम सामग्री प्रबन्धन, लर्निंग कार्नर एवं पुस्तकालय प्रबन्धन, पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तिकाएं, षिक्षक संदर्षिकाएँ, शब्दकोष का प्रयोग एवं प्रबन्धन)।
 समय प्रबन्धन (समय सारिणी का निर्माण व प्रयोग)।
 एक या दो अध्यापकों वाले विद्यालयों हेतु समय-सारिणी।
 तीन या चार अध्यापकों वाले विद्यालयों हेतु समय-सारिणी।

 पाँच अध्यापक वाले विद्यालय हेतु समय सारिणी।
 पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों का प्रबंधन- खेलकूद, शैक्षिक कार्यक्रम (वाद-विवाद, निबन्ध आदि), सांस्कृतिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय पर्व, शैक्षिक भ्रमण, बागवानी, सत्रांत समारोह) ।
 सूचनाओं एवं अभिलेखों का प्रबन्धन (विद्यालयीय सूचनाओं का संकलन, विष्लेषण एवं अभिलेखीकरण)।
 विद्यालय अभिलेख के प्रकार-
अध्यापक उपस्थिति पंजिका
छात्र उपस्थिति पंजिका
पत्र व्यवहार पंजिका
एस0एम0सी0 पंजिका
एस0एम0सी0 आय-व्यय पंजिका
ग्राम शिक्षा निधि (आय-व्यय) पंजिका
ग्राम शिक्षा समिति बैठक पंजिका

मातृ शिक्षक संघ पंजिका
अभिभावक शिक्षक संघ पंजिका
शिक्षण अधिगम सामग्री पंजिका
स्टाॅक पंजिका, निःशुल्क पुस्तक वितरण पंजिका
निःशुल्क गणवेष वितरण पंजिका
बाल गणना/परिवार सर्वेक्षण पंजिका
बालकांे के जन्मदिन की पंजिका
स्वास्थ्य परीक्षण पंजिका

छात्रवृत्ति वितरण पंजिका
अनुश्रवण/ निरीक्षण पंजिका, शिक्षक डायरी, बुक-बैंक पंजिका
एम0डी0एम0 कनवर्जन काॅस्ट एवं खाद्य पंजिका
कोटेशन रख-रखाव पंजिका
टेण्डर प्रक्रिया सम्बन्धी पंजिका
आवागमन पंजिका
आदेश पंजिका
एम0डी0एम0 वितरण पंजिका
 आपदा प्रबन्धन।

 प्रभावपूर्ण विद्यालय प्रबन्धन के सिद्धान्त- प्रजातान्त्रिक प्रबन्ध, आंकड़ों का वैज्ञानिक संग्रहण, लक्ष्य निर्धारण तथा योजना, आवधिक निरीक्षण, लचीलापन आदि
 विद्यालय प्रबन्धन में विभिन्न अभिकर्मियों की भूमिका-
 प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं बच्चों (बाल सरकार) की भूमिका।
 समुदाय, अभिभावक (ग्राम शिक्षा समिति, शिक्षक अभिभावक संघ, मातृशिक्षक संघ, मीना मंच) की भूमिका।
 पर्यवेक्षण तंत्र की भूमिका-(ब्लाॅक संसाधन केन्द्र के समन्वयक, न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र के प्रभारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, डायट मेन्टर, जिला समन्वयक, जिला बेसिक षिक्षा अधिकारी एवं उच्च अधिकारियों की भूमिका)।

(ब). प्रारम्भिक षिक्षा के विकास में संलग्न विभिन्न अभिकरण एवं उनकी भूमिका
(1.) राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाले अभिकरण
उदाहरण -
 राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रषिक्षण परिषद (NCERT)
 राष्ट्रीय अध्यापक षिक्षा परिषद (NCTE)
 राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रषासन विश्वविद्यालय (NUEPA)
 इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विष्वविद्यालय (IGNOU)
 राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS)
(2.) राज्य स्तर पर कार्य करने वाले अभिकरण
उदाहरण -
 राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद
 राज्य हिन्दी संस्थान

 मनोविज्ञानशाला
 परीक्षा नियामक प्राधिकारी आदि
(3) जिला स्तर पर कार्य करने वाले अभिकरण
उदाहरण -
 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान
 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि
(4) स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाले अभिकरण
उदाहरण -
 खण्ड शिक्षा अधिकारी
 एन0पी0आर0सी0
(स). प्राथमिक शिक्षा का आधारभूत ढाँचा

उदाहरण -
 बेसिक शिक्षा परिषद का गठन एवं कार्य
 बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972
 बेसिक अध्यापक शिक्षा सेवा नियमावली
 टी0ई0टी0 नियमावली
 सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के सामान्य नियम व प्रावधान तथा विद्यालय स्तर पर दी जाने वाली सूचनाओं की जानकारी।

D.El.Ed Syllabus 4th semester - शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन D.El.Ed Syllabus 4th semester -  शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन Reviewed by BasicKaMaster on 11:42:00 Rating: 5

No comments:

Theme images by chuwy. Powered by Blogger.