UPTET Special Question- 1 बाल विकास एवं शिक्षा-शास्त्र

1. अपने चिन्तन में अवधारणात्मक परिवर्तन लाने हेतु शिक्षार्थियो को सक्षम बनाने के लिए शिक्षिका को
क. उन बच्चों को परुस्कार देना चाहिए जिन्होंने अपने चिन्तन में परिवर्तन किया है
ख. बच्चों को स्वयं चिन्तन करने के लिए हतोत्साहित करना चाहिए और उनसे कहना चाहिए कि वे शिक्षिका को सुने और उसका अनुपालन करें।
ग. व्याख्यान के रूप में व्याख्या प्रस्तुत करनी चाहिए।
घ. स्पष्ट और आश्वस्त करने वाली व्याख्या देनी चाहिए तथा शिक्षार्थियों के साथ चर्चा करना चाहिए


उत्तर घ. यदि कोई शिक्षक अपने शिक्षार्थियों के चिन्तन में अवधारणात्मक परिव्रतन लाने हेतु उन्हें सक्षम बनाना चाहता है, तो शिक्षक को चाहिए कि वह स्पष्ट और आश्वस्त करने वाली व्याख्या दे तथा शिक्षार्थियों के साथ चर्चा करे।

2. प्राथमिक विद्यालय के कक्षा-कक्ष के सन्दर्भ में सक्रियबद्धता का क्या अर्थ है ?
क. याद करना, प्रत्यास्मरण और सुनाना
ख. शिक्षक का अनुकरण और नकल करना
ग. जाँच-पड़ताल करना, प्रशन पूछना और वाद-विवाद
घ. शिक्षक द्वारा दिए गए उत्तरों को नकल करना

उत्तर ग

3. बच्चे तब सर्वाधिक सृजनशील होते है जब वे किसी गतिविधि में भाग लेते है
क. शिक्षक की डाँट से बचने के लिए
ख. दूसरों के सामने अच्छा करने के दबाव में आकर
ग. अपनी रूचि से
घ. पुरस्कार के लिए
उत्तर ग. बच्चे स्वयं बेहतर तरीके से सीखते है और तब वे ज्यादा सृजनशील होते है, जब किसी गतिविधि  को स्वयं की रूचि से करते है।


4. भारत में अधिकांस कक्षाएँ बहुभाषी होती है और इसे शिक्षक द्वारा ........................... के रूप में देखा जाना चाहिए ।
क. परेशानी
ख. समस्य़ा
ग. संसाधन
घ. बाधा
उत्तर ग. बहुभाषिता, भारते के भाषा-परिदृश्य का एक विशिष्ट लक्षण है। एक शिक्षक को चाहिए कि वह इसका उपयोग एक संसाधन के रूप में करे।



5. शिक्षार्थियों द्वारा की गई गलतियाँ और त्रुटियाँ
क. बच्चों को कमजोर अथवा उत्कृष्ट चिन्हित करने के अच्छे अवसर है
ख. शिक्षक और शिक्षार्थियों  की असफलता के सूचक है
ग. उनके चिन्तन को समझने के अवसर के रूप में देखी जानी चाहिए
घ. कठोरता से निपटाई जानी चाहिए
उत्तर ग. शिक्षार्थियों द्वारा की जाने वाली गलतियों और त्रुटियों को उनके चिन्तन को समझन के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए.

6. ............................ के विचार से बच्चे सक्रिय ज्ञान-निर्माता तथा नन्हें वैज्ञानिक है, जो संसार के बारे में अपने सिद्धान्तों की रचना करते है।
क. स्किनर
ख. पैवलाॅव
ग. युंग
घ. पियाजे

उत्तर घ.

7. बाल-केन्द्रित शिक्षा-शास्त्र का अर्थ है
क. बच्चों को नैतिक शिक्षा देना
ख. बच्चों को शिक्षक का अनुगमन और अनुकरण करने के लिए कहना
ग. बच्चों की अभिव्यक्ति और उनकी सक्रिय भागीदारी को महत्व देना
घ. बच्चों को पूर्ण रूप से स्वतन्त्रता देना
उत्तर ग. बाल-केन्द्रित शिक्षा-शास्त्र से हमारा तात्पर्य बच्चो की अभिव्यक्ति और उनकी सक्रिय भागीदारी को महत्व देने से है।

8. जटिल परिस्थिति को संसाधित करने में शिक्षक बच्चों की सहायता कर सकता है
क. प्रतियोगिता को बढ़ावा देकर और सबसे पहले कार्य पूरा करने वाले बच्चे को पुरस्कार देकर
ख. कोई भी सहायता न देकर, जिससे बच्चे अपने आप निर्वाह करना सीखे
ग. उस पर एक भाषण देकर
घ. कार्य को छोटे हिस्सों में बाँटने के बाद निदद्रश लिखकर
उत्तर घ. जटिल परिस्थिति को संसाधित करने में शिक्षक कार्य को छोटे हिस्सों में बाँटने के बाद निर्देश लिखर बच्चों की सहायता कर सकता है।


9. शिक्षार्थियों से यह अपेक्षा करना कि वे ज्ञान को उसी रूप में पुन: प्रस्तुत कर देंगे जिस रूप में उन्होंने उसे ग्रहण किया है
क. अच्छा है, क्योकि यह शिक्षक के लिए आकलन में सरल है
ख. एक प्रभावी आकलन युक्ति है
ग. समस्यात्मक है, क्योंकि व्यक्ति अनुभवों की व्याख्या करते है और ज्ञान को ज्यों का त्यों पुन: उत्पादित नहीं करते
घ. अच्छा है, क्योंकि जो भी हमारे मन में है हम उसे रिकार्ड करने लगते है
उत्तर ग

10. जब शिक्षार्थियों को समूह में किसी समस्या पर चर्चा का अवसर दिया जाता है, तब उनके सीखने का वक्र
क. बेहतर होता है
ख. स्थिर रहता है
ग. अवनत होता है
घ. समान रहता है
उत्तर क. जब शिक्षार्थियों को समूह में किसी समस्या पर चर्चा का अवसर दिया जाता है, तब उनके सीखने का वक्र बेहतर होता है।
UPTET Special Questions- 1 पर्यावरण अध्ययन

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