Hindi Class 8 सन्धि भाग 2

2.व्यंजन सन्धि-  जब एक व्यंजन दूसरे व्यंजन या स्वर से मिलता है , उसे व्यंजन संधि कहते है।
व्यंजन संधि के कई नियम हैं-
नियम(1)- जब किसी वर्ग का प्रथम अक्षर जैसे क , के बाद किसी वर्ग का तीसरा और चौथा अक्षर अथवा कोई स्वर आए तो वर्ग के उस प्रथम अक्षर के स्थान पर उसी का तीसरा अक्षर हो जाता है।
उदाहरणदिक् + अन्त = दिगन्त
               जगत् + ईश = जगदीश
               दिक् + गज = दिग्गज
               वाक् + ईश = वागीश
नियम(2)- जब किसी वर्ग के पहले अक्षर के बाद उसी वर्ग का पांचवा अक्षर आए तो पहले अक्षर के स्थान पर उसी वर्ग का पांचवा अक्षर हो जाता है।

उदाहरणउत् + नत = उन्नत
               जगत् + नाथ = जगन्नाथ
               षट् + मास = षण्मास ।
नियम(3)- यदि ‘’ के बाद कोई स्वर या व्यंजन अ ,तथा य,,व आए तो त्’ का ‘द्’ हो जाता है।

उदाहरणउत् + गम = उद्गम
              सत् + आनन्द = सदानन्द
              जगत् + ईश = जगदीश
              उत् + भव = उद्भव
              उत् + दाम = उद्दाम ।

नियम(4)- यदि ‘त्’ के बाद ‘’ अथवा ‘’.आए तो उनके स्थान पर ‘’ हो जाता है। तथा ‘त्’ के बाद जल आए तो उनके स्थान पर क्रमशः जल हो जाता है।
उदाहरणउत् + चारण = उच्चारण
              उत् + लास = उल्लास
              सत् + जन = सज्जन
              उत् + डयन = उड्डयन ।

नियम(5)- यदि त्द् के बाद श हो तो ‘च्छ’ हो जाता है।
उदाहरणसत् + शास्त्र = सच्छास्त्र ।


3.विसर्ग संधिविसर्गो का स्वरों तथा व्यजनों के साथ मेल होने पर जो ध्वनि उत्पन्न होती है। वह विसर्ग संधि कहते है।
इसके भी कई नियम है।

 नियम(1)- जब विसर्ग ( : ).के बाद ‘’, ‘’ हो तो ‘श्’ हो जाता है।
उदाहरणदु: + चरित्र = दुश्चरित्र
              नि: + चल = निश्चल
              नि: + चय = निश्चय
              नि: + छल = निश्छल ।

नियम (2)- यदि विसर्ग ( : ) से पहले इउ हो तथा विसर्ग के बाद में कफ तथा प आए तो विसर्ग लोप हो कर ‘ष्’ हो जाता है।

उदाहरणबहि:+ कार = बहिष्कार
               नि: + काम = निष्काम
                दु: + कर्म = दुष्कर्म
                नि:+ फल = निष्फल ।

नियम(3)- यदि विसर्ग ( : ) के बाद ‘’ तथा ‘’ आए तो ‘ष्’ हो जाता है।
उदाहरणनि : + ठुर = निष्ठुर
               नि : + ठा = निष्ठा
               दु : +     = दुष्ट
              धनु :+ टंकार = धनुष्टंकार ।
नियम(4)- जब विसर्ग ( : ) के बाद ‘’ या ‘’ हो तो विसर्ग का ‘स्’ हो जाता है।

उदाहरणनम: + ते = नमस्ते
                 दु: + तर = दुस्तर
               मन:+ ताप = मनस्ताप
               नि: + तेज = निस्तेज ।

नियम(5)- यदि विसर्ग ( : ) के बाद शस आए तो विसर्ग का ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’ हो जाता है।
उदाहरणदु: + शासन = दुश्शासन
               नि: + सन्देहनिस्सन्देह ।

नियम(6)- यदि विसर्ग ( : ) के बाद ‘’ हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है और उसका पूर्ण स्वर दीर्ध हो जाता है।
उदाहरणनि: + रोग = नीरोग
               नि: + रस = नीरस ।
नियम (7)- यदि विसर्ग ( : ) से पहले अआ को छोड़कर कोई अन्य स्वर हो या फिर किसी वर्ग का तीसराचोथा,पाँचवाँ अक्षर या य,व हो तो विसर्ग का ‘र्’ हो जाता है।

उदाहरणनि: + आशा = निराशा
               आशी:+ वाद = आर्शीवाद
               नि: + मल = निर्मल
                नि: + यात = निर्यात ।
नियम(8)- विसर्ग ( : ) के बाद ‘’, ‘’,या ‘’ होता है तो विसर्ग में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नही होता है।
उदाहरणअन्त: + पुर = अन्त:पुर

               प्रात: + काल = प्रात:काल ।

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