संज्ञा
जिस
शब्द
से
किसी
प्राणी,
स्थान,
वस्तु
,जाति,
भाव
आदि
के
नाम
का
बोध
होता
है
उसे
संज्ञा
कहते
है।
जैसे-रमेश, पुस्तक, गाय, सेना आदि।
हिंदी
व्याकरण
में
संज्ञा
के
पांच
भेद
हैं
1.
व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.
जातिवाचक संज्ञा
3.
भाववाचक संज्ञा
4.
समूहवाचक संज्ञा
5.
द्रव्यवाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक
संज्ञा- जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति अथवा किसी स्थान या वस्तु का बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक
संज्ञा
कहते
है।
जैसे- रमेश, हिमालय आदि।
इस संज्ञा में व्यक्तियों,देशों,समुद्रों,नदियों,पर्वतों,सड़कों,पुस्तकों,घटनाओं,दिन-महीनों आदि प्रयोग किया जाता है।
2.
जातिवाचक संज्ञा-
जिन
संज्ञा
शब्दों
से
एक
ही
प्रकार
की
अथवा
एक
ही
जाति
के
वस्तु
का
बोध
होता
है
उसे
जातिवाचक
संज्ञा
कहते
हैं।
जैसे- पशु, पक्षी, नदी, पर्वत आदि।
3. भाववाचक
संज्ञा- जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति वस्तु या पदार्थ की दशा, गुण, दोष आदि का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा
कहते
है।
जैसे-लम्बाई,मिठास,चाल आदि।
4. समूहवाचक
संज्ञा- जिस संज्ञा शब्द से किसी वस्तु या व्यक्ति के समूह का बोध होता है उसे समूहवाचक
संज्ञा
कहते
हैं।
जैसे- सभा, दल, कुंज आदि।
5.द्रव्यवाचक
संज्ञा- जिस संज्ञा शब्द स किसी धातु द्रव तथा वे वस्तुएं जिन्हें हम नाप-तौल सके, का बोध होता है द्रव्यवाचक
संज्ञा
कहलाते
है।
जैसे- सोना,चाँदी,तेल,लकड़ी आदि।
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Hindi Class 2
Reviewed by BasicKaMaster
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09:45:00
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