एक शिक्षक के रूप में एक व्यक्ति के लिए टी.ई.टी. को उत्तीर्ण करना आवश्यक है। हम यहाँ पर आपको यू.पी. टी.ई.टी. के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु बता रहे है जो आपको परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण करने में सहायक होंगे।
परीक्षा की अवधि तथा स्वरूप
परीक्षा की अवधि ढाई घण्टा अर्थात कुल 150 मिनट होगी। परीक्षा के समस्त प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे, प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होगे। नकरात्मक मूल्यांकन नहीं होगा।
पात्रता
यू.पी टी.ई.टी. में शामिल होने के लिए निम्नलिखित व्यक्ति पात्र है:-
कक्षा 1 से 5 हेतु उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में आवेदन के लिए न्यूनतम अर्हता:-
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परीषद (N.C.T.E.) से मान्यता प्राप्त शासकीय संस्थानों अथवा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (N.C.T.E) से मान्यता के उपरान्त उत्तर प्रदेश शासन से सम्बद्धता प्राप्त संस्था से दो वर्षीय बी.टी.सी अथवा (N.C.T.E.) / भारतीय पुनर्वास परिषद (R.C.I) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) में दो वर्षीय डिप्लोमा (डी.एड.) के अन्तिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक तथा उत्तर प्रदेश में संचालित राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त विशिष्ट बी.टी.सी. प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक तथा उत्तर प्रदेश में संचालित दो वर्षीय बी.टी.सी उर्दू विशेष प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग के अन्तिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण अथवा दिनांक 11.08.1997 के पूर्व के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधि धारक (उर्दू शिक्षक हेतु)।
अथवा
न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ इण्टरमीडिएट अथवा इसके समकक्ष चार वर्षीय प्रारम्भिक शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बी.एल.एड.) के अन्तिम वर्ष शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
कक्षा 6 से 8 हेतु उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (U.P. TET) में आवेदन हेतु न्यूनतम अर्हता:-
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जीसी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (N.C.T.E.) से मान्यता के उपरान्त उत्तर प्रदेश शासन से सम्बद्धता प्राप्त संस्था से दो वर्षीय बी.टी.सी के अंतिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय / महाविद्यालय से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ स्नातक अथवा परास्नातक और एन.सी.टीई. से मान्यता प्राप्त संस्था से शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बी.एड.) या एल.टी. में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण / भारतीय पुनर्वास परिषद (R.C.I.) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) में बी.एड. विशेष शिक्षा के अंतिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ इण्टरमीडिएट अथवा इसके समकक्ष एवं चार वर्षीय प्रारम्भिक शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बी.एल.एड.) के अंतिम वर्ष में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से न्यूनतम 45 प्रतिशत अंको के साथ स्नातक अथवा परास्नातक तथा शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बी.एड.) जो इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी किये गये राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (मान्यता, मानदण्ड तथा क्रिया विधि) विनियमों के अनुसार प्राप्त किया गया हो।
अथवा
विधि द्वारा स्थापित एवं यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से स्नातक कम से कम 50 प्रतिशत अंको से साथ और भारतीय पुनर्वास परिषद (R.C.I.) द्वारा मान्यता प्राप्त एक वर्षीय बी.एड. (विशेष शिक्षा) में शामिल होने वाले अथवा उत्तीर्ण।
यू.पी.टी.ई.टी की संरचना व विषय वस्तु
यू.पी. टी.ई.टी में सभी प्रश्न एक सही उत्तर के साथ चार विकल्प वाले बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) होंगे, प्रत्येक प्रश्न 1 अंक होगा। नकारात्मक मूल्यांकन ( Negative Marketing) नही होगा। यूपीटीईटी के दो पेपर होंगे।
- प्रथम प्रश्न पत्र (Paper-Ist) ऐसे व्यक्ति के लिए जो कक्षा 1 से 5 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते है. (प्राथमिक स्तर)।
- द्वितीय प्रश्न पत्र (Paper-IInd) ऐसे व्यक्ति के लिए होगा जो कक्षा 6 से 8 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं (उच्च प्राथमिक स्तर)।
- ऐसा व्यक्ति जो दोनों स्तर (कक्षा 1 से 5 और कक्षा 6 से 8 तक) के लिए शिक्षक बनना चाहते है, को दोनो पेपरों (Paper-I and Paper-II) में शामिल होना होगा।
प्रथम प्रश्न पत्र प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 के लिए):-
- परीक्षा की अवधि ढाई घण्टा अर्थात 150 मिनट होगी।
- संरचना एवं विषय सूची (सभी अनिवार्य)
.......................................................................................................................................................
प्रश्नों की प्रकृति और स्तर
- बाल विकास और शिक्षण विधियों के बारे में प्रश्न 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक अधिगम एवं अध्यापन के शैक्षिक मनोविज्ञान पर केन्द्रित होंगी। वे विविध शिक्षार्थियों कि विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, शिक्षार्थियों के साथ आपस में परस्पर अन्तर्क्रिया तथा अधिगम के एक अच्छे फैसिलिटेटर के गुणवत्ताओं और गुणों पर केन्द्रित होगी।
- भाषा- I में प्रश्न अनुदेशों के माध्यम से सम्बन्धित निपुणताओं पर केन्द्रित होंगी।
- भाषा-II भाषा-I से अलग भाषा होगी। एक अभ्यर्थी द्वारा उपलब्ध भाषा विकल्पों में से किसी एक भाषा का चुनाव किया जायेगा और आवेदन पत्र में इसका विशष रूप से उल्लेख किया जायेगा। भाषा-II में प्रश्न भाषा के तत्वों, सम्प्रेषण और बोध क्षमताओं पर केन्द्रित होंगी।
- गणित और पर्यावरणीय अध्ययन में प्रश्न इन विषयों की संकल्पनाओं, समस्या समाधान करने की क्षमताओं और शिक्षण-विधियों की समझ पर केन्द्रित होंगी। इन विषय क्षेत्रों में प्रश्न बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा कक्षा 1 से 5 तक के लिए निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के भिन्न-भिन्न खण्डों के विषय में समान रूप से वितरित की जायेगी।
- .पेपर I के लिये परीक्षा में प्रश्न कक्षा 1 से 5 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों पर आधारित होंगे, किन्तु उनका कठिनाई स्तर और संयोजन इण्टरमीडिएट स्तर का होगा।
द्वितीय प्रश्न पत्र उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 के लिए):-
- परीक्षा की अवधि ढाई घण्टा अर्थात 150 मिनट होगी।
- संरचना एवं विषय सूची (सभी अनिवार्य)
...............................................................................................................................................................
प्रश्नों की प्रकृति और स्तर
- बाल विकास और शिक्षण विधियों के बारे में प्रश्न 11 से 14 आयु समूह के लिए प्रासंगिक अधिगम एवं अध्यापन के शैक्षिक मनोविज्ञान पर केन्द्रित होंगी। वे विविध शिक्षार्थियों कि विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, शिक्षार्थियों के साथ आपस में परस्पर अन्तर्क्रिया तथा अधिगम के एक अच्छे फैसिलिटेटर के गुणवत्ताओं और गुणों पर केन्द्रित होगी।
- भाषा- I में प्रश्न अनुदेशों के माध्यम से सम्बन्धित निपुणताओं पर केन्द्रित होंगी।
- भाषा-II भाषा-I से अलग भाषा होगी। एक अभ्यर्थी द्वारा उपलब्ध भाषा विकल्पों में से किसी एक भाषा का चुनाव किया जायेगा और आवेदन पत्र में इसका विशष रूप से उल्लेख किया जायेगा। भाषा-II में प्रश्न भाषा के तत्वों, सम्प्रेषण और बोध क्षमताओं पर केन्द्रित होंगी।
- गणित और विज्ञान / सामाजिक अध्ययन में प्रश्न इन विषयों की संकल्पनाओं, समस्या समाधान करने की क्षमताओं और शिक्षण-विधियों की समझ पर केन्द्रित होंगी। गिणित और विज्ञान में प्रश्न 30-30 अंकों की होगी। प्रश्न बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा कक्षा 6 से 8 के लिए निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के भिन्न-भिन्न खण्डों के विषय में समान रूप से वितरित की जायेगी।
- .पेपर II के लिये परीक्षा में प्रश्न कक्षा 6 से 8 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों पर आधारित होंगे, किन्तु उनका कठिनाई स्तर और संयोजन इण्टरमीडिएट स्तर का होगा।
प्रश्न पत्र की भाषा
प्रश्न पत्र का माध्यम अंग्रेजी अथवा हिन्दी होगा।
अर्हक अंक
- UP-TET में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के अंक का विवऱण वेबसाईट पर जारी किया जायेगा। पूर्णांक 150 में से 90 अंक अर्थात 60 प्रतिशत और अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियो को पात्रता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित / भूतपूर्व सैनिक स्वयं / विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्हक अंक 55 प्रतिशत अर्थात पूर्णांक 150 में से 82 अंक होगा।
यू.पी.टी.ई.टी. प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि
- नियुक्ति के लिए यूपीटीईटी अर्हक प्रमाण-पत्र की वैधता सभी श्रेणियों के लिए इसके परिणाम की घोषणा की तिथि से पाॅच वर्ष की अवधि तक होगी।
- यूपीटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नही हैं।
यू.पी.टी.ई.टी. के लिए परीक्षा शुल्क
- सामान्य / ओ.बी.सी - 400 रूपये।
- आरक्षित वर्ग - 200 रूपये।
- विकलांग अभ्यर्थियों से कोई आवेदन शुल्क नही लिया जायेगा।
- जो अभ्यर्थी दोनो प्रश्न पत्र, पेपर प्रथम (कक्षा-1 से 5 की शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु) पेपर द्वितीय (कक्षा-6 से 8 की शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु) में परीक्षा देना चाहते हो उन्हें अलग-अलग आवेदन करना होगा तथा प्रति परीक्षा के अनुसार निर्धारित आवेदन शुल्क भी अलग-अलग जमा करना पड़ेगा।
यूपीटीईटी पाठ्यक्रम की संरचना और विषय-सूची
(पेपर I और पेपर II)
पेपर I (कक्षा I से V के लिए ) प्राथमिक स्तर
I. बाल विकास और शिक्षण विधियां - 30 प्रश्न
(क) बाल विकास (कक्षा 1 से 5, 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) - 15 प्रश्न
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध
- बालकों के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण प्रकियाएं : सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन
- समाज निर्माण के रुप में लिंग : लिंग भूमिकाएं, लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर; विद्यालय आधारित मूल्यांकन
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन : संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतोन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझाना - 5 प्रश्न
- गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
- अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अधिगम और अध्यापन - 10 प्रश्न
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते है; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों 'असफल' होते हैं।
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अधिगम कार्यनीतियां; सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम: अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक 'वैज्ञानिक अन्वेषक' के रुप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की 'त्रुटियों' को समझना।
- बोध और संवेदनाएं
- प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक - निजी एवं पर्यावरणीय।
II. भाषा I - 30 प्रश्न
(क) भाषा बोधगम्यता - 15 प्रश्न
अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना - दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)
(ख) भाषा विकास का अध्यापन - 15 प्रश्न
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने के भूमिका: भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते है.
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन - अधिगम सामग्रियां : पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
III. भाषा - II - 30 प्रश्न
क) बोधगम्यता - 15 प्रश्न
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णानात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होेंगे।
ख) भाषा विकास का अध्यापन - 15 प्रश्न
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाई, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन - अधिगम सामग्री : पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
IV. गणित - 30 प्रश्न
क) विषय-वस्तु - 15 प्रश्न
- ज्यामिती
- आकार और स्थानिक समझ
- हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ
- संख्याएं
- जोड़ना और घटाना
- गुणा करना
- विभाजन
- मापन
- भार
- समय
- परिमाण
- आँकड़ा प्रबंधन
- पैटर्न
- राशि
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे - 15 प्रश्न
- गणितीय / तार्किक चिंतन की प्रकृति; बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन
- शिक्षण की समस्याएं
- त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण
V. पर्यावरणीय अध्ययन - 30 प्रश्न
क) विषय - वस्तु - 15 प्रश्न
- परिवार और मित्र ( संबंध, कार्य और खेल, पशु, पौधे)
- भोजन
- आश्रय
- पानी
- भ्रमण
VI. वे चीजें जो हम बनाते और करते है.
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे - 15 प्रश्न
- पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति
- पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन
- पर्यवरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा
- अधिगम सिद्धांत
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध
- अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
- क्रियाकलाप
- प्रयोग / व्यावहारिक कार्य
- चर्चा
- सतत् व्यापक मूल्यांकन
- शिक्षण सामग्री / उपकरण
- समस्याएं
पेपर II (कक्षा VI से VIII के लिए) उच्च प्राथमिक स्तर
I. बाल विकास और अध्यापन - 30 प्रश्न
क) बाल विकास (कक्षा 6 से 8, 11 से 14 आयु सूमह के लिए प्रासंगिक) - 15 प्रश्न
- विकास की अवस्था तथा अधिमग से उसका संबंध
- बालक के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण दबाव : सामाजिक विशव और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन
- समाज निर्माण के रूप में लिंग : लिंग भूमिकाएं, लिंग- पूर्वांग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना।
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बाच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं. व्यापक मूल्यांकन : संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझाना - 5 प्रश्न
- गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
- अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अध्ययन और अध्यापन - 10 प्रश्न
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते है; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों 'असफल' होते हैं।
- शिक्षण और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अध्ययन कार्यनीतियां; सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम: अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक 'वैज्ञानिक अन्वेषक' के रुप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की 'त्रुटियों' को समझना।
- बोध और संवेदनाएं
- प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक - निजी एवं पर्यावरणीय।
II. भाषा I-30 प्रश्न
(क) भाषा बोधगम्यता - 15 प्रश्न
अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना - दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)
(ख) भाषा विकास का अध्यापन - 15 प्रश्न
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने के भूमिका: भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते है.
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन - अधिगम सामग्रियां : पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
III. भाषा - II - 30 प्रश्न
क) बोधगम्यता - 15 प्रश्न
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णानात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होेंगे।
ख) भाषा विकास का अध्यापन - 15 प्रश्न
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाई, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन - अधिगम सामग्री : पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
IV. गणित एवं विज्ञान - 60 प्रश्न
(I) गणित - 30 प्रश्न
क) विषय-वस्तु - 20 प्रश्न
- अंक प्रणाली (अंको को समझना, अंको के साथ खेलना, पूर्ण अंक, नकारात्मक अंक और पूर्णांक, भिन्न)
- बीजगणित (बीजगणित का परिचय, समानुपात और अनुपात)
- ज्यामिति (मूलभूत ज्यामितिक विचार 2-डी, बुनियादी आकारों को समझाना, सममिति, निर्माण सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक, परकार का प्रयोग करते हुए)
- क्षेत्रमिति (आंकड़ा प्रबंधन)
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे - 10 प्रश्न
- गणितीय / तार्किक चिंतन की प्रकृति
- पाठ्यचर्चा में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- मूल्यांकन
- उपचारात्मक शिक्षण
- शिक्षण की समस्याएं
(II) विज्ञान - 30 प्रश्न
क) विषय-वस्तु - 20 प्रश्न
- भोजन (भोजन के स्त्रोत, भोजन के अवयव, भोजन को स्वच्छ करना)
- सामग्री (दैनिक प्रयोग की सामग्री)
- जीव-जन्तुओं की दुनिया
- सचल वस्तुएं, लोग और विचार
- चीजें कैसे कार्य करती है (विद्युत करंट और सर्किट, चुंबक)
- प्राकृतिक पद्धति
- प्राकृतिक संसाधन
ख) अध्यापन संंबंधी मुद्दे - 10 प्रश्न
- विज्ञान की प्रकृति और संरचना
- प्राकृतिक विज्ञान / लक्ष्य और उद्देश्य
- विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना
- दृष्टिकोण / एकीकृत दृष्टिकोण
- प्रेक्षण / प्रयोग / अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति)
- अभिनवता
- पाठ्यचर्या सामग्री / सहायता-सामग्री
- मूल्यांकन - संज्ञात्मक / मनोप्रेरक / प्रभावन
- समस्याएं
- उपचारात्मक शिक्षण
V. समाजिक अध्ययन - 60 प्रश्न
क) विषय-वस्तु - 40 प्रश्न
(i) इतिहास
- कब कहां और कैसे
- प्रारम्भिक समाज
- प्रथम कृषक और चरवाहे
- प्रथम शहर
- प्रारम्भिक राज्य
- नए विचार
- प्रथम साम्राज्य
- सुदूरवर्ती भूभागों के साथ संपर्क
- राजनैतिक गतिविधियां
- संस्कृति और विज्ञान
- नए सम्राट और साम्राज्य
- दिल्ली के सुल्तान
- वास्तुकला
- साम्राज्य का सृजन
- सामाजिक परिवर्तन
- क्षेत्रीय संस्कृतियां
- कम्पनी शासन की स्थापना
- ग्रामीण जीवन और समाज
- उपनिवेशवाद और जनजातीय समाज
- 1857-58 का विद्रोह
- महिलाएं और सुधार
- जाति व्यवस्था को चुनौती
- राष्ट्रवादी आंदोलन
- स्वतंत्रता के पश्चात भारत
(ii) भूगोल
- एक सामाजिक अध्ययन तथा एक विज्ञान के रूप में भूगोल
- ग्रह : सौरमण्डल में पृथ्वी
- अपनी समग्रता में पर्यावरण : प्राकृतिक और मानव पर्यावरण
- वायु
- जल
- मानव पर्यावरण : बस्तियां, परिवहन और संप्रेषण
- संसाधन : प्रकार - प्राकृतिक एवं मानवीय
- कृषि
(iii) सामाजिक और राजनैतिक जीवन
- विविधता
- सरकार
- स्थानीय सरकार
- आजीविका हासिल करना
- लोकतंत्र
- राज्य सरकार
- मीडिया को समझना
- लिग-भेद समाप्ति
- संविधान
- संसदीय सरकार
- न्यायपालिका
- सामाजिक न्याय और सीमांत लोग
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे - 20 प्रश्न
- समाजिक अध्ययन की अवधारणा और पद्धति
- कक्षा की प्रकियाएं, क्रियाकलाप और व्याख्यान
- विवेचित चिंतन का विकास करना
- पूछताछ / अनुभवजन्य साक्ष्य
- सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं
- स्त्रोत - प्राथमिक और माध्यमिक
- प्रोजेक्ट कार्य
- मूल्यांकन
यू0पी0 टी0ई0टी0 के महत्वपूर्ण बिन्दु
Reviewed by BasicKaMaster
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