क्रिया:
जिन शब्दों से किसी काम का करना या होना पाया जाता है ,उन्हें क्रिया कहते हैं ।जैसे- खाना ,पढ़ना ,खेलना ,रोना ,हसना आदि।
क्रिया के भेद
1. सकर्मक क्रिया
2. अकर्मक क्रिया
1.सकर्मक क्रिया- सकर्मक का तात्पर्य है- ‘कर्म के साथ’। अर्थात् जिन क्रियाओं में कर्म की अपेक्षा की जाती है ,उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं ।
जैसे- गाय घास चरती है ।राम रोटी खाता है ।
शांति ने पत्र लिखा ।
उपर्युक्त लिखे वाक्यों मे ‘घास’,’रोटी’ तथा ‘पत्र’ कर्म है। एवं क्रिया का फल ‘घास’, ‘रोटी’ तथा ‘पत्र’ पर पड़ रहा है। अतः ‘चरना’, ‘खाना’, ‘लिखा सकर्मक क्रियाएँ है।
सकर्मक क्रिया के भेद
१.एककर्मक क्रिया- जिस क्रिया का एक ही कर्म होता है, वह एककर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे- राम पूजा करता है।
श्याम मैदान में खेल रहा है
उपर्युक्त वाक्य में ‘पूजा’ तथा ‘मैदान’ एक कर्म है। अतः ‘करता है’तथा ‘खेल रहा है’ एककर्मक क्रिया है ।
२.द्विकर्मक क्रिया- जिस क्रिया के दो कर्म होते है, उसे द्विकर्मक क्रिया कहते है।
जैसे- राम ने श्याम को पतंग दिया ।
महेश ने दिनेश को खिलौना दिया ।
उपर्युक्त वाक्य में ‘दिया’ क्रिया के दो कर्म है- श्याम और पतंग । दूसरे वाक्य में दिया के दो कर्म हैं- दिनेश और खिलौना । अतः दोनों द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण है ।
● जिन वाक्यों में ‘क्या’ तथा ‘किसको’ लगाकर दोनों का उत्तर प्राप्त हो जाता है वे द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण है ।
जैसे- राम ने क्या दिया?(पंतग) ,किसको दिया(श्याम को)
2.अकर्मक क्रिया - आक्रमक का तात्पर्य है - बिना कर्म का । अर्थात् जो क्रिया कर्म की अपेक्षा नहीं रखती है ,उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं ।
जैसे- श्याम दौड़ रहा है ।नवीन हसँ रहा है ।
ऊपर लिखे वाक्यों में ‘दौड़ रहा है’ तथा ‘हसँ रहा है’ आदि शब्दों का फल कर्ता ‘श्याम’ तथा ‘नवीन’ पर पढ़ रहा है। अतः ये शब्द अकर्मक क्रियाएँ है ।
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क्रिया:Hindi Class 5
Reviewed by Ravi kumaR
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00:09:00
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no to good sorry to say
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